Shabd jo kabhi sunai na diye

आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना , कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना , भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना , देखा, कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना ||

Saturday, November 26, 2011

मौत

ढलता है दिन, सुबह से शाम होती है |


बेबफा जान है, मौत बदनाम होती है ||