Mere Mann Ki Baat
मेरी कविता ही मेरे मन का प्रतिबिम्ब है, कोशिश रहेगी की यह मेरी पहचान बन सके
Pages
Home
कवितायेँ
गद्य काव्य
शायरी
धार्मिक कवितायेँ
कलाकारी
अवलोकन
संपर्क
Shabd jo kabhi sunai na diye
आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना ,
कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना ,
भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना ,
देखा,
कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना
|
|
Monday, October 15, 2012
इनकार का कारण
इनकार का कारण
चलो स्वीकार करता हूँ
।
हाँ मुझको प्यार है उससे ।।
मगर इजहार करने से ।
अभी इनकार है मुझको ।।
करे जो प्यार दुनिया में,
सुना है दर्द पाता है ।।
कहो ये दर्द कैसे दूँ ,
जिसे मैं प्यार करता हूँ ।।
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)