Mere Mann Ki Baat
मेरी कविता ही मेरे मन का प्रतिबिम्ब है, कोशिश रहेगी की यह मेरी पहचान बन सके
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Shabd jo kabhi sunai na diye
आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना ,
कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना ,
भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना ,
देखा,
कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना
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Tuesday, February 15, 2011
! Najariya !
है वस्तु एक ,
व्यक्ति एक,
एक रूप ,
रंग एक,
पर है नहीं
उसका,
उपयोग एक,
अर्थ एक,
कार्य एक,
कर्त्तव्य एक,
हर एक व्यक्ति
के लिए,
क्योंकि बस
अंतर है
एक -
नजरिया !
Vyang (On Our Culture)
फैशन की बढती ये , ये तो आंधी है विदेशी
पश्चिम की सभ्यता को साथ में ले आई है |
लगता है मानो जैसे फैशन के डंडे द्वारा
कोई गाय घास छोड़ , मांस को ललचाई है ||
जींस व टी शर्ट से सजा है सारा तन बदन
बच्चा रोया आँचल माँ का कहो कैसे पायेगा |
लाएगी कहा से आँचल लेकर विदेशी जामा
बोलो क्या फिर टी शर्ट से पल्लू जुड़ जायेगा ||
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