Shabd jo kabhi sunai na diye

आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना , कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना , भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना , देखा, कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना ||

Saturday, May 14, 2011

जीवन

हम प्रतिसमय 
स्वप्नमय है ,
आँखे 
बंद हो अथवा खुली 
कोई अंतर नहीं |
क्योंकि
जीवन प्रवाह 
अनवरत गतिमान है
दोनों ही परिस्थितियों में 

दृश्यावलोकन 
सतत है 
दोनों हो परिस्थितियों में ,

कुछ दृश्य स्मृत है 
पर कुछ विस्मृत ,
दोनों हो परिस्थितियों में , 

अतः 
जीवन 
एक स्वप्न है 
दोनों ही परिस्थितियों में ........

उन्नति


कहीं हम
उन्नति की राह पर चलने के स्थान पर , राहें उन्नत करने में तो नहीं लगे हुए है ?
यदि हाँ 
तो पहचान की राह छोड़ , राह की पहचान कर चलना होगा |