पंक्षी
क्यों आसमान में उड़ते है ?
क्यों दूर हमसे जाते है ?
क्यों पास नहीं वे आते है ?
क्या वे हमसे डरते है ?
अथवा
है भय उनको प्राणों का ?
या
जीवन उनको है प्यारा |
नहीं !
भय नहीं है उनको प्राणों का ,
हाँ पसंद है उनको जीवन ,
सबकी तरह
पर
स्वतंत्र जीवन |
यदि मिले उन्हें वरदान ,
स्वतंत्रता का
तब वे हमसे नहीं डरेंगे |
दूर हमसे नहीं भागेंगे |
क्योंकि
उन्हें
नहीं है पसंद
सिर्फ जीवन |
जीता तो है कैदी भी ,
पर वह नहीं है खुश |
क्योंकि
उसे भी पसंद है वही
जो सबको है ,
सिर्फ जीवन नहीं
वरन
स्वतंत्र जीवन |
हाँ
स्वछंद नहीं,
स्वतंत्र जीवन |
यदि
जीवन ही होता प्यारा ,
तो
क्यों देते बलिदान ,
देश को
लोग करोडो ,
सिर्फ स्वतंत्रता की खातिर |
व
कैद क्यों होती एक सजा ,
जब जीवन ही होता प्यारा |
अतः
पंक्षी
चाहते है
जीवन
सबकी तरह ,
पर
स्वतंत्र और
सिर्फ
स्वतंत्र जीवन ........