सूरज सी रोशनी
में
निराशाओं का अँधेरा,
व
अमावस से अंधकार
में
आशाओं की किरण ,
स्पष्ट दिखाई देती है |
क्योंकि
आशाओं की किरण
विलुप्त हो जाती है,
सूरज सी रोशनी में ,
और
निराशाओं का अँधेरा ,
खो जाता है
गहरे अंधकार में |
विरोध में ही वास्तु
का अस्तित्व दिखाई देता है |
अतः
चारों अपना अस्तित्व दिखाता,
दिखाई दे रहा है
विरोध!!!!....
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