Shabd jo kabhi sunai na diye

आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना , कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना , भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना , देखा, कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना ||

Tuesday, February 15, 2011

Vyang (On Our Culture)

फैशन  की  बढती ये , ये तो आंधी है विदेशी 
पश्चिम की सभ्यता  को साथ में ले आई है |
लगता  है  मानो  जैसे  फैशन  के डंडे द्वारा 
कोई गाय  घास छोड़ , मांस को ललचाई है ||

जींस व टी  शर्ट से  सजा है सारा तन बदन 
बच्चा रोया आँचल माँ का कहो कैसे पायेगा |
लाएगी  कहा से आँचल  लेकर विदेशी जामा
बोलो क्या फिर टी शर्ट से पल्लू जुड़ जायेगा ||
 

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