फैशन की बढती ये , ये तो आंधी है विदेशी
पश्चिम की सभ्यता को साथ में ले आई है |
लगता है मानो जैसे फैशन के डंडे द्वारा
कोई गाय घास छोड़ , मांस को ललचाई है ||
जींस व टी शर्ट से सजा है सारा तन बदन
बच्चा रोया आँचल माँ का कहो कैसे पायेगा |
लाएगी कहा से आँचल लेकर विदेशी जामा
बोलो क्या फिर टी शर्ट से पल्लू जुड़ जायेगा ||
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