Shabd jo kabhi sunai na diye

आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना , कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना , भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना , देखा, कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना ||

Wednesday, April 6, 2011

Swatantrata

पंक्षी
क्यों आसमान में उड़ते है ?
क्यों दूर हमसे जाते है ?
क्यों पास नहीं वे आते है ?
क्या वे हमसे डरते है ?
अथवा
है भय उनको प्राणों का  ?
या
जीवन उनको है प्यारा |
नहीं !
भय नहीं है उनको प्राणों का ,
हाँ पसंद है उनको जीवन ,
सबकी तरह 
पर
स्वतंत्र जीवन |
यदि मिले उन्हें वरदान ,
स्वतंत्रता का
तब वे हमसे नहीं डरेंगे |
दूर हमसे नहीं भागेंगे  |
क्योंकि
उन्हें 
नहीं है पसंद
सिर्फ जीवन  |
जीता तो है कैदी भी ,
पर वह  नहीं है खुश |  
क्योंकि        
उसे भी पसंद है वही
जो सबको है ,
सिर्फ जीवन नहीं
वरन 
स्वतंत्र जीवन |
हाँ 
स्वछंद  नहीं,
स्वतंत्र जीवन |

यदि
जीवन ही होता प्यारा ,
तो
क्यों देते बलिदान ,
देश को
लोग करोडो ,
सिर्फ स्वतंत्रता की खातिर |
कैद क्यों होती एक सजा ,
जब जीवन ही होता प्यारा |
अतः
पंक्षी
चाहते है 
जीवन
सबकी तरह  ,
पर
स्वतंत्र  और
सिर्फ 
स्वतंत्र जीवन ........        

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