Mere Mann Ki Baat
मेरी कविता ही मेरे मन का प्रतिबिम्ब है, कोशिश रहेगी की यह मेरी पहचान बन सके
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Shabd jo kabhi sunai na diye
आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना ,
कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना ,
भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना ,
देखा,
कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना
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Monday, April 22, 2013
खुशी का ठिकाना
था ले मशालें ढूँढता मै,
ऐ खुशी तेरा मकां |
है बंद आंखे धाम तेरा,
ये न था मुझको पता ||
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