Shabd jo kabhi sunai na diye

आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना , कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना , भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना , देखा, कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना ||

Friday, February 18, 2011

Ma ka chitra

मन के कागज पर एक चित्र 
जो अद्भुत है पर नहीं विचित्र |
चिर परिचित है हम सब उससे 
वह गंगा  से  ज्यादा पवित्र ||

जो नहीं मिटाया जा सकता 
जो नहीं भुलाया जा सकता |
करले कोई कोशिश कितनी
पर नहीं हटाया जा सकता ||

नहीं  ऐसा  कोई चित्रकार 
जो  यह  चित्र  बना  पाए |
वह सहज स्वतः सबके भीतर 
बन जाता है मन कागज पर ||

ममता  का  सुन्दर  मधुर रंग
खुशियों के जल में जा घुलता |
फिर मिलकर प्रेम की कूची से 
मन के  कागज  को रंग देता ||

तब  बनता  है  एक  अक्श 
जो  होता  है  सबको  प्यारा |
माँ  का  वह  चेहरा   होता
इस दुनिया में सबसे न्यारा  ||

सारे  रंग  तो  फीके  पड़ते 
पर   यह  रंग  अनोखा  है |
जैसे  जैसे   समय  बीतता
गहरा      होता   जाता   है ||

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