Shabd jo kabhi sunai na diye

आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना , कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना , भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना , देखा, कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना ||

Wednesday, February 16, 2011

Samay

जिंदगी  का  एक  दिन और ढल गया
वर्तमान से वही अतीत में बदल गया |
लगता    है  जैसे  कोई   पूछ   रहा   हो 
कितना समय और व्यर्थ निकल गया??

समय  निकला  है  और निकल जायेगा 
पर   सवाल   का  जबाब  नहीं आयेगा |
क्योंकि गंवाया है व्यर्थ में कितना समय??
गिनेगे तो समय और व्यर्थ निकल जायेगा||

बचने   को   समय   खुद   बदलना  पड़ेगा
उचाईयों  को  पाना  है  तो  जलना पड़ेगा |
क्योंकि समय तो गतिमान है रुकता नहीं
यदि  पाना  है  मंजिल  तो चलना पड़ेगा ||

पर चलते है कई लोग मंजिल नहीं पाते
होकर  के  पथ  भ्रष्ट भटकते रह  जाते |
क्योंकि  राह  दिखने  वाले  तो  बहुत है 
पर छोड़कर मझधार वे आगे नहीं आते||

चलना  है  अकेले  यदि  पाना  है   मंजिल
मिलेंगी रास्ते भर कठिनाइयों की महफ़िल|
जब  तक   है   दम   आशा    ना   छोड़ना 
पा  जाओगे   मंजिल   होगे  यदि  काबिल||

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