Mere Mann Ki Baat
मेरी कविता ही मेरे मन का प्रतिबिम्ब है, कोशिश रहेगी की यह मेरी पहचान बन सके
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Shabd jo kabhi sunai na diye
आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना ,
कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना ,
भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना ,
देखा,
कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना
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Tuesday, March 15, 2011
Nigahe
दो तीर निगाहों के तीखे
घायल दिल को कर देते है |
फिर हाल हुआ क्या जख्मी का
दो नैन बयां कर देते है ||
दो नैन नशीले पीने पर
हर दर्द ख़त्म कर देते है |
पर मिलन नयन का नयनों से
मन तृप्त नहीं कर पाते है ||
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