Shabd jo kabhi sunai na diye

आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना , कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना , भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना , देखा, कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना ||

Saturday, May 14, 2011

उन्नति


कहीं हम
उन्नति की राह पर चलने के स्थान पर , राहें उन्नत करने में तो नहीं लगे हुए है ?
यदि हाँ 
तो पहचान की राह छोड़ , राह की पहचान कर चलना होगा |

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