माँ सुन एक बात सुनाता हूँ ,
कुछ बीती याद दिलाता हूँ |
कुछ बीती याद दिलाता हूँ |
हाँ भूल नहीं सकती तू भी ,
मैं बात वही दोहराता हूँ ||
मैं बात वही दोहराता हूँ ||
माँ जब तू लोरी गाती थी ,
जब मुझको रोज सुलाती थी |
जब मुझको रोज सुलाती थी |
होती थी थककर चूर स्वयं ,
बाँहों में मगर झुलाती थी ||
बाँहों में मगर झुलाती थी ||
बिस्तर पर मुझे सुलाती थी ,
खुद बैठे ही सो जाती थी |
खुद बैठे ही सो जाती थी |
रखती हरपल ध्यान मेरा ,
फिर सपनों में खो जाती थी ||
फिर सपनों में खो जाती थी ||
सूरज तो सोया रहता था ,
पर तू पहले उठ जाती थी |
पर तू पहले उठ जाती थी |
फिर झाड़ू बर्तन चौका सब ,
तब करने में जुट जाती थी ||
तब करने में जुट जाती थी ||
सुनती थी जब भी किलकारी ,
खुश होकर के मुस्काती थी |
खुश होकर के मुस्काती थी |
झट काम छोड़कर आती थी,
फिर मुझको गले लगाती थी ||
फिर मुझको गले लगाती थी ||
फिर हाथ पकड़ चल कदम कदम,
तू चलना मुझे सिखाती थी |
तू चलना मुझे सिखाती थी |
यदि लगती थी कभी चोट मुझे ,
तो आंसू स्वयं बहाती थी ||
तो आंसू स्वयं बहाती थी ||
सबसे अच्छा मेरा बेटा ,
ये बात सभी को सुनाती थी |
ये बात सभी को सुनाती थी |
नजर कहीं मुझे लग न जाये ,
तू काला तिलक लगाती थी ||
तू काला तिलक लगाती थी ||
कहना मुझको था तब तुमसे ,
पर नहीं बोलना आता था |
पर नहीं बोलना आता था |
कहता हूँ बात वही तुमसे ,
जो सोच सोच रह जाता था ||
जो सोच सोच रह जाता था ||
पर समझ नहीं मैं पाता हूँ ,
वे शब्द ढूंढ़ न पाता हूँ |
वे शब्द ढूंढ़ न पाता हूँ |
जो करे वयां मन की बातें ,
जो कहने में सकुचाता हूँ ||
जो कहने में सकुचाता हूँ ||
पाया था मैंने सुख , तुमने,
जब गोद में मुझे उठाया था |
जब गोद में मुझे उठाया था |
जब देख मुझे मुस्काया था,
जब झूला मुझे झुलाया था ||
जब झूला मुझे झुलाया था ||
पाई थी मैंने खुशियाँ जब ,
तुने , नाम से मुझे बुलाया था |
तुने , नाम से मुझे बुलाया था |
जब बालों को सहलाया था ,
जब रोने पर बहलाया था ||
जब रोने पर बहलाया था ||
थी मुझको प्यारी गोद तेरी ,
जितनी राजा को सिंहासन |
जितनी राजा को सिंहासन |
बिन जिसके नींद न आती थी,
मानों फूलों का शय्यासन ||
मानों फूलों का शय्यासन ||
होता था निर्भय मैं तब तब ,
जब हाथ तेरा सर पर होता |
जब हाथ तेरा सर पर होता |
चल पड़ता नन्हे क़दमों से,
जब हाथों में हाथ तेरा होता ||
जब हाथों में हाथ तेरा होता ||
पर होता था दुःख मुझको भी ,
जब आँख तेरी भर आती थी |
जब आँख तेरी भर आती थी |
जब छोड़ तू मुझको जाती थी,
जब मुझको नहीं मनाती थी ||
जब मुझको नहीं मनाती थी ||
रोना तो बस एक बहाना था ,
नजदीक तुम्हारे आना था |
नजदीक तुम्हारे आना था |
माँ पास में तुम्हे बुलाना था ,
बस तुझको गले लगाना था ||
बस तुझको गले लगाना था ||
अब करता हूँ याद तुम्हे हर पल ,
वो गया जमाना बीता कल |
वो गया जमाना बीता कल |
जो नहीं लौटकर आतें हैं ,
वो सुन्दर और सुहाने पल ||
वो सुन्दर और सुहाने पल ||
ना मैं भूल सका ना भूलूंगा ,
है ताजा याद हर एक पल की |
है ताजा याद हर एक पल की |
पर लगता नहीं बरष बीतें ,
हर घटना हो जैसे कल की ||
हर घटना हो जैसे कल की ||
माँ यदि मैंने तुझे सताया हो,
नहीं अपना फ़र्ज निभाया हो |
नहीं अपना फ़र्ज निभाया हो |
करना अपराध क्षमा मेरे ,
यदि मैंने तुझे रुलाया हो ||
यदि मैंने तुझे रुलाया हो ||
माँ मैं दिल की बात बताता हूँ ,
तुझको विस्वास दिलाता हूँ |
तुझको विस्वास दिलाता हूँ |
बन जाऊंगा प्यारा बेटा ,
मैं आज कसम ये खाता हूँ ||
मैं आज कसम ये खाता हूँ ||
जब जब तू मुझे बुलाएगी ,
जब मेरी जरुरत पायेगी |
जब मेरी जरुरत पायेगी |
अगले ही पल माँ तू मुझको ,
चरणों में अपने पायेगी ||
चरणों में अपने पायेगी ||
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