Shabd jo kabhi sunai na diye

आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना , कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना , भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना , देखा, कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना ||

Thursday, March 31, 2011

Manh Sthiti

जब कोई कोशिश करता है ,
मुझे पकड़ने की 
मुझे जकड़ने की 
मुझे  रोकने की  |
तब मैं,
भाग जाना चाहता हूँ ,
छोड़कर ,
उसे |
जिससे 
कोई रोक न सके ,
और 
मैं उड़ सकूँ ,
खुले आसमान में ,
चाहे वह रोकता हो,
तो रह जाये,
रोकता ही,
अकेला |

  परन्तु 
इसके विपरीत 
वही,
जब कहता है ,
की
जाना है तो चले जाओ,
जाओ जरा क्षितिज तक जाकर आओ,
जाओ उड़ जाओ |
मै  
तुम्हे नहीं रोकता |
तब सोचता हूँ ,
कहाँ  जाऊ 
और  क्यों जाऊ
छोड़कर उसे ,
अतः
मैं नहीं जा पता ,
और 
वही रह जाता हूँ ,
उसी के पास ,
जिससे जाना था 
दूर |
                                 बहुत दूर...................

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