देखना तुमको हमेशा ,
दिल मेरा क्यों चाहता |
हाथ में हो हाथ तेरा ,
साथ हो क्यों चाहता ||
स्वप्न में आये तू ही ,
जब आँख मेरी बंद हो |
जब आँख खोलूं तो तेरा ,
दीदार हो क्यों चाहता ||
कुछ अनकही कुछ अनसुनी ,
आवाज क्यों पहचानता |
क्यों दिल मेरा तेरी ख़ुशी को
ख़ुशी अपनी मानता ||
क्यों आँख भर आती मेरी ,
नम आँख तेरी देखकर |
क्या जानते हाल-ए-दिल,
या हो अभी भी बेखबर ||
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