Shabd jo kabhi sunai na diye

आँखों की नमी को ख़ुशी के आंसू बताना , कहना सब कुछ ठीक है फिर थोडा मुस्कुराना , भले दिल में हो दर्द पर हमदर्द बन जाना , देखा, कितना आसान है किसी भी गम को छुपाना ||

Friday, July 8, 2011

क्यों

देखना तुमको हमेशा ,
दिल मेरा क्यों चाहता |
 हाथ में हो हाथ तेरा ,
साथ हो क्यों चाहता ||

स्वप्न में आये तू ही ,
जब आँख मेरी बंद हो |
जब आँख खोलूं तो तेरा ,
दीदार हो क्यों चाहता ||

कुछ अनकही कुछ अनसुनी ,
आवाज क्यों पहचानता |
क्यों दिल मेरा तेरी ख़ुशी को 
ख़ुशी अपनी मानता ||

क्यों आँख भर आती मेरी ,
नम आँख तेरी देखकर |
क्या जानते हाल-ए-दिल,
या हो अभी  भी बेखबर || 

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